प्रवृत्तियाँsabsjms2024-09-20T15:08:48+05:30
श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन महिला समिति के अंतर्गत संगठन प्रवृत्ति चल रही है जिसका उद्देश्य पूरे देश-विदेश के समस्त साधुमार्गी महिलाओं को संघ सदस्यता से जोड़ना है! संघ हमारा प्राण है संगठन उसकी शक्ति है।
आइए महिला शक्ति के एकत्रीकरण के लिए हम सब जुड़ते हैं और संघ के विकास में अपना अभिनव योगदान देने को तत्पर होते है! एक नए रूप में एक नए अंदाज में आइए सदस्यता ग्रहण करें! साधुमार्गी स्थानीय महिला मंडल एवं श्री अखिल भारतवर्षीय साधुमार्गी जैन महिला समिति बीकानेर के संगठन में सहयोग का पहला हाथ मेरा हो।
“लेकर हाथों में हाथ चले साथ-साथ, संगठन हमारा नारा हो,
हो Communication हमारा-तुम्हारा , तो Connection बढ़े हमारा।।
जिस प्रकार अक्षर से अक्षर मिला शब्द और शब्दों से वाक्य व वाक्यों से वक्तव्य इसी प्रकार संघ संगठन को मजबूत करने का एक प्रयास हमारा भी रहे।
स्थानीय अध्यक्ष/मंत्री एवं संगठन संयोजिकाओं से निवेदन है कि अपने-अपने क्षेत्र में हर 3 कि.मी की दूरी में हर सप्ताहिक/पाक्षिक मंडल लगवाये जाए अगर गांव या शहर 7 कि.मी. से अधिक है तो। उसमें स्थानीय स्तर पर सभी श्राविकाओं को आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उस क्लास में हर मेम्बर के शक्ति के अनुसार स्वाध्याय, थोकड़े, भजन या फिर धर्मकथा के माध्यम से इसका संचालन किया जाये।
इसी विषय के कुछ नियम:
1. संघ की रीति-नीति, नियम एवं धारणाओं की जानकारी।
2. शुद्ध सामायिक (बिना लाईट और बिना सैल की घड़ी के) या संवर (दोनों में से एक जरूरी)।
3. मंडल की शुरुआत एक नवकार मंत्र से करना।
4. मंडल में Talent वाइज स्वाध्याय, थोकड़ा, भजन, प्रश्नोत्तरी, वक्तव्य कला एवं लेखन आदि की प्रतियोगिताएं आयोजित की जाये।
5. चारित्र आत्माएं विराजित हो उनके सानिध्य में मंडल लगे।
6. वंदना के पश्चात् दो लाईन संघ समर्पणा गीत।
7. मंगल पाठ एवं एक छोटा-सा प्रत्याख्यान।
8. संगठन की सभी संयोजिकाओं से निवेदन है कि एक से अधिक मंडल लगते हैं तो स्थानीय स्तर पर अपनी टीम बना लेवें।
9. साधुमार्गी परिवार की सभी महिलाओं को आजीवन सदस्य बनाना।
10. धोवन पानी की पूरजोर प्रभावना की जाए।
11. श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति के केसरिया गणवेष में एकरूपता हमारी प्राथमिकता हो।
12. स्थानीय मंडल की चयन प्रक्रिया का आमसभा में होना अनिवार्य है एवं आमसभा की रिपोर्ट अध्यक्ष/मंत्री के नाम सहित केन्द्रीय कार्यालय, बीकानेर में भेजना अनिवार्य है।
13. स्थानीय स्तर पर नई बहू का स्वागत करना।
14. स्थानक की सार संभाल –
A) स्थानक में किसी प्रकार का (श्रावक/श्राविका) चित्र नहीं होना चाहिए।
B) स्थानक में जीवों की रक्षा/सुरक्षा का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए (जाले नहीं होना)।
C) स्थानक में रखी गई पुस्तकों का समय-समय पर प्रतिलेखन होना आवश्यक है।
पाठ्यक्रम-
स्थानीय क्षेत्र अपनी-अपनी अनुकूलता के अनुसार अखिल भारतवर्षीय स्तर पर महत्तम महोत्सव के अंतर्गत संचालित आयामों के अनुसार अपने-अपने अध्ययन का लक्ष्य रखे।
श्री अ.भा.सा. जैन महिला समिति का एक सुदृढ़ प्रयास…..
केसरिया कार्यशाला जिसका ध्येय है…..
आगम की नीव पर एक श्रद्धा युक्त, ज्ञान की दीवारों से रचनात्मक आत्मिय भवन का निर्माण। वर्तमान में श्री दशाश्रुतस्ंकध सूत्र के आधार पर आचार्य की 8 संपदा का निरूपण चल रहा हैं। ।
DIY, गठबंधन, सँवर दिवस सामायिक दिवस से हमारी Yuviis संस्कारों का बीजारोपण व सतत् Personality Development का ध्येय।
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एक प्रोफेशनल व्यक्ति हर कार्य में निपूर्ण हो सकता है और कामयाबी के किसी भी शिखर को छू सकता है, पर जब तक उसमें गुरु के प्रति श्रद्धा और अध्यात्मिकता का विकास नहीं, उसका जीवन अपूर्ण है। इस फोरम से जुड़ी हुई महिलाओं के अध्यात्मिक ऊर्जा का संचार कर, उनके व्यक्तित्व की पूर्णता में सहयोग करना ही इस फोरम का मुख्य उद्धेश्य है।
वुमन मोटिवेशनल फोरम प्रवृति का मूल उद्देश्य है- साधुमार्गी परिवार की महिला प्रोफेशनल का एक मंच तैयार करना! साधुमार्गी परिवार की महिलाएँ जो सी.ए, एम.बी.ए., डॉक्टर, इंजिनियर, वकील, आई.ए.एस. आदि डिग्री के स्तर पर शिक्षित है, भले वर्तमान में वे इन डिग्री का उपयोग नहीं कर पा रहे हों, वे सभी इसी श्रेणी में मान्य होंगे!
पंचसहस्त्री श्रद्धाभिषिक्त परिवारांजलि
पंचसहस्त्री श्रद्धाभिषिक्त परिवारांजलि ग्रहण किए नियमों का दृढ़तापूर्वक पालन करवाने का लक्ष्य रखना एवं नए श्रावक-श्राविकाओं को जोड़ने के लिए अधिक से अधिक प्रभावना करना।
“खुद जीएं सबको जीना सीखाएं-अपनी खुशियाँ चलो बांट आएं” इस मूलमंत्र को आत्मसात् करते हुए श्री अ.भा. साधुमार्गी जैन महिला समिति के तत्वाधान में कई वर्षों से स्वधर्मी सहयोग की यह प्रवृत्ति निरनतर गतिशील है।
हमारे समाज के वे अभावग्रस्त छात्र-छात्राएं जो धन के अभाव में शिक्षा ग्रहण नहीं कर पाते उन प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को संघ की ओर से महिला समिति के तत्वाधान में छात्रवृत्ति प्रदान की जाती है।
खुशियों का पिटारा – जनवरी-फरवरी-मार्च
सर्वधर्मी समर्पण – अप्रैल-मई-जून
जीवदयाणं – जुलाई-अगस्त-सितम्बर
आरोग्यं वृद्धि – अक्टूबर-नवम्बर-दिसम्बर
जो भी स्थानीय संघ सामाजिक कार्य करना चाहते हैं वो उपरोक्त सामाजिक कार्यों के अंतर्गत करने का लक्ष्य रखें।
आर्थिक आत्मनिर्भरता संसार में सभी सुखों की कुंजी है। महिला समीति द्वारा आर्थिक रुप से कमजोर परिवारों को स्वावलंबी बनाने के लिए गृहउद्योग योजना चलाई जा रही है। रतलाम (म.प्र.) के श्री जैन महिला गृहउद्योग मंदिर में मसाला विभाग तथा पापड़ उद्योग द्वारा कई परिवार लाभान्वित हो रहे हैं। इस गृहउद्योग को संचालित करने हेतु एक संचालिका समिति का गठन किया गया।
सुसंस्कृत एवं संस्कारवान घर, परिवार, समाज के निर्माण हेतु गोल्डन स्टेप्स वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है जिसमें विवाह योग्य युवतियों एवं भावी माताओं को अलग-अलग कार्यक्रमों के माध्यम से उचित दिशा बोध दिया जाता है। इस कार्यक्रम के सभी workshops ऑनलाइन एवं ऑफलाइन दोनो प्रकार से सम्पादित किये जाते हैं अत: योग्य अभ्यर्थी अवश्य भाग ले ।
1. धार्मिक शिक्षण शिविर – मिटिंग के दौरान स्थानीय स्तर अधिक से अधिक शिविर लगाने की प्रेरणा करना।
2. महिला स्वाध्यायी – स्वाध्यायी सेवा देने के लिए अधिक से अधिक बहनों को प्रेरित करना।
3. धार्मिक परीक्षा – JSP, कर्म प्रज्ञप्ति के लिए प्रेरित करना।
4. श्रमणोपासक – पढ़ने की प्रेरणा व समय पर रिपोर्टिंग की प्रेरणा करना।
5. रिपोर्टिंग सिस्टम – संबंधित प्रवृत्ति के गूगल फॉर्म भरवाने की प्रेरणा देना।
6. आरूग्गबोहिलाभं – I Jain My Jain के द्वारा आयोजित शिविर से जुड़ने की प्रेरणा देना।
7. उच्च शिक्षा योजना – अधिक से अधिक छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा योजना से जोड़ना।
8. प्रतिक्रमण प्रतियोगिता – प्रतियोगिता पाँच चरण मे रखी गई है।
– इच्छामि णं भंते 18 पापस्थान
– इच्छामि खमासमणो 5 अणुव्रत
– 7 अणुव्रत – तस्स धमस्स
– 5 पदो की भाव वंदना – अंतिम पाठ
सम्पूर्ण प्रतिक्रमण विधि सहित
1. जिनको नया प्रतिक्रमण विधि सहित याद है वह इसमे रजिस्ट्रेशन ना करें|
2. यह प्रतियोगिता सभी आयु वर्ग के बच्चे, श्रावक व श्राविकाओं के लिए है|
3. प्रतिक्रमण नया व संशोधित याद करें |
4. जिनको विधि सहित याद है वह अंतिम तिथि के 2 दिन पहले स्थानक भवन में प्रतिक्रमण सुनाना अनिवार्य है |
5. रजिस्ट्रेशन 01 अप्रैल से पहले करना अनिवार्य है |
9. पाठशाला – अधिक से अधिक बच्चों को पाठशाला में जाने के लिए प्रेरित करना।